“वर्षा-ऋतु”..
“वर्षा- ऋतु
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वर्षा- ऋतु जब आती है,
ढेर सारा खुशियां लाती है।
हम स्कूल नही जाते है।,
बारिश में खूब नहाते हैं।
फलों के राजा आम को,
ऋतु संग अपने लाती है।
लीची भी साथ आती है,
ये सारा फल, बरसाती है।
मेढक भी टर्र-टर्र करता है,
जब भी बारिश पड़ता है।
पक्षी सब भी खूब गाते है,
अपनी मीठी राग सुनाते हैं….✍️
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स्वरचित सह मौलिक
पंकज कर्ण
कटिहार,
?@ 8936068909