वर्तमान क्षण
बहुत गरूर था,
एक दिन आगाज हुआ,
बीत गया,
फिर होगा आगाज,
एक नये साल का,
साक्षी बन जाना,
अनुभव में लेना,
अहसास संजोए,
हसीन पल लिए,
सबके लिए हैं,
शिकायत छोड़कर,
समय के साथ बहे,
फिर कुछ नया नहीं,
पुराना नहीं ….
Mahender Singh
बहुत गरूर था,
एक दिन आगाज हुआ,
बीत गया,
फिर होगा आगाज,
एक नये साल का,
साक्षी बन जाना,
अनुभव में लेना,
अहसास संजोए,
हसीन पल लिए,
सबके लिए हैं,
शिकायत छोड़कर,
समय के साथ बहे,
फिर कुछ नया नहीं,
पुराना नहीं ….
Mahender Singh