"अपदस्थ"
“अपदस्थ”
इंसानियत के पद से
अपदस्थ होकर मानव
खो देता है
अपना सारा अधिकार,
तब मृत्यु तुल्य हो जाता
जीवन उसका बेकार।
“अपदस्थ”
इंसानियत के पद से
अपदस्थ होकर मानव
खो देता है
अपना सारा अधिकार,
तब मृत्यु तुल्य हो जाता
जीवन उसका बेकार।