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27 Dec 2023 · 1 min read

*तलाश*

😊तलाश😊

छू ले आसमान जमीन की तलाश न कर,
जी ले जिंदगी खुशी की तलाश न कर.
तकदीर बदल जाएगी खुद ही मेरे दोस्त,
मुस्कुराना सीख ले वजह की तलाश न कर,
क्योंकि हम तो उम्र भर के राही हैं,
मत पूछो खुशी की तलाश में कितने सफ़र किए हैं हमने,
ऐ मेरे दोस्त तालखश करनी है तो हकीकत की करो,
अफवाहें तो घर बैठे आप तक पहुंच ही जाती हैं,
इसीलिए किसी का सहारा तलाश करना आदत नहीं है हमारी,
हम तो अकेले ही पूरी महफिल के बराबर हैं,
तलाश तो बस एक सुकून की होती है मेरे दोस्त ,
इसी एक सुकून की तलाश में जाने कितनी हमने बेचैनियां पाल ली हैं,
और लोग कहते हैं कि हम बड़े हो गए हमने ज़िन्दगी संभाल ली,
इस ज़िन्दगी की तलाश में हम
मौत के कितने पास आ गए,
तलाश में बीत गई सारी ज़िंदगानी,
अब समझ आया कि खुद से बड़ा कोई हमसफर नहीं।

वंदना ठाकुर “चहक”

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