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19 Sep 2016 · 1 min read

रह जायेगा

जब पुकारेगा खुदा सब कुछ धरा रह जायेगा
छोड़ दुनियाँ रूह से अपनी जुदा रह जायेगा
रुप अपना तू निखारे देख कर के आयना
एक तेरा रेत का महल ढला रह जायेगा

डॉ मधु त्रिवेदी

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