वरदान हो तुम।
प्यारे बच्चों!हमारी जान हो तुम,
ईश्वर का दिया वरदान हो तुम।
यूँ तो आसान नहीं था इतना,
तुम जैसे प्यारे फूलों को पाना,
हर एक घड़ी देनी पड़ी परीक्षा
पल पल काँटों की पीड़ा सहना,
जख्मों पर मरहम का काम हो तुम।
प्यारे बच्चों!हमारी जान हो तुम,
ईश्वर का दिया वरदान हो तुम।
नन्ही कली ने रखा कदम जीवन में,
लोगो ने प्रयत्न किये रौंदने के तन में,
नष्ट हो जाता है बीज बिना खाद के,
यही सोच दी गयी यातना इस मन में,
आँसुओ से सींचा हुआ बागवान हो तुम।
प्यारे बच्चों!हमारी जान हो तुम,
ईश्वर का दिया वरदान हो तुम।
छोड़ दिया सब कुछ एक फूल बचाने को,
शुरू किया सफर नया,स्वस्तित्व बनाने को,
कदम कदम पर कई शूल चुभे थे राहों में,
हौसलें जिंदा थे, यह काफी था बताने को,
टूटी हुई उम्मीदों को देने वाली उड़ान हो तुम,
प्यारे बच्चों!हमारी जान हो तुम,
ईश्वर का दिया वरदान हो तुम।
गिर गिर कर सम्भलना था सीखा,
अपने भाग्य का लेखा फिर से लिखा,
अपने अस्तित्व को नई पहचान मिली,
विष के बाद अमृतमयी स्वाद को चखा,
आस का दीप जलाने वाले अरमान हो तुम।
प्यारे बच्चों!हमारी जान हो तुम,
ईश्वर का दिया वरदान हो तुम।
उन्नति से उत्कर्ष की ओर कदम बढ़ाया,
मुस्कुराहट को फिर से ओठों पर पाया,
सुरक्षा कवच में रखा हरदम ईश्वर ने,
अंधेरों से धैर्यपूर्वक लड़ना सिखाया,
ईश्वर के आशीर्वाद की पहचान हो तुम।
प्यारे बच्चों!हमारी जान हो तुम,
ईश्वर का दिया वरदान हो तुम।
By:Dr Swati Gupta