वतन
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हिन्दुस्तान मेरा वतन बहुत महान है
वतन के वास्ते तन मन धन कुर्बान है
कण – कण में है मेरा लहू रचा बसा
पवित्र धरती शमशीरों की जान है
शहीदों की शहादत से मुस्कान निखरी
खून के बिखरे कतरे का निशान है
भांति – भांति के यहाँ फल फूल उगते
एकता में अनेकता हिंद की पहचान है
फिरंगियों को यहाँ से भाग दौड़ाया
बाहर से आया हर जन मेहमान है
हिन्दू ,मुस्लिम, सिख ,ईसाई यहाँ भाई
सोहार्द भाईचारा यहाँ जिन्दा ईमान है
सांस्कृतिक विभिन्नता भी है यहाँ दिखे
संस्कृति, संस्कार से भरपूर स्थान है
राम-सीता,कृष्ण-राधा की जन्मस्थली
रामायण,महाभारत से ग्रंथ संस्थान है ं
गुरुओं , पैगम्बरों से धरा हरी भरी
फकीरों की फकीरी से भरा जहान है
नौजवान यहाँ की सबसे बड़ी धरोहर
देशभक्ति भाव से भरा हर जवान है
बच्चे बच्चे में कुर्बानी रक्त खौलता
रक्षा करे जवान पालनहार किसान है
संसार में हर क्षेत्र में डंका रहे बजता
मनसीरत भारत का विश्व में सम्मान है
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)