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11 Jun 2023 · 1 min read

वक्त

23-
ऐ वक़्त
न रूठ यूं मुझसे
आरजू है, कि चल फिर से
वापस उन्हीं गलियों में चलें
जहां कैद है, जिंदगी से वो हसीन मुलाकात

दिल चाहता है
बेसाख्ता यूं ही
कोई पुरानी याद
एक बार मुझसे टकरा जाए
और मैं कहूं
बस मैं और तुम
यूं ही गलबहियां डाले
बैठे रहें बेपरवाह.

Language: Hindi
204 Views
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