वक्त
वक्त बेमोल है ,वक्त अनमोल है
वक्त ताकत है ,वक्त हसरत है
वक़्त हद हस्ती मस्ती है मान है।।
वक़्त इम्तेहान हैं वक़्त मेहमान है
वक्त सिकन्दर हैं वक़्त ताकत है
वक़्त राजा है वक़्त रंक शान है।।
वक़्त मालिक वक़्त वजूद
वक़्त भाग्य भगवान है वक़्त इज्जत दीन ईमान है वक़्त
बदलता रहता रहता नहीं समान हैं।।
वक़्त साहस शक्ति वक़्त युद्ध का मैदान हैं वक़्त महल अटारी धरती आसमान है वक़्त दोस्त रिश्ते नाते पंख परवाज़ हैं।।
वक़्त बनता बिगड़ता वक़्त
का दर्जा महान है वक़्त ईश्वर अल्लाह कि इबादत का गवाह है।।
वक़्त तूफान वक़्त मझधार हैं
वक़्त से पार न पाया कोई
वक़्त से गधा भी पहलवान है।।
वक़्त से महारथी से बना साधारण इंसान हैं अर्जुन कुरुक्षेत्र का
विजेता कुल्ल भिल्ल का अपमान है वक़्त स्वीकारता गांडीव गर्जना अभिशाप है।।
वक़्त ही हालत हालात है
वक़्त ही आंसू गम मुस्कान है
कहीं रुलाता कहीं हसाता कहीं
प्रतीक्षा इंतज़ार है।।
वक़्त मौजों कि रवानी नेकी वदी
हसरत फ़साना अपसना पहचान है वक़्त यादों कि छाया वक़्त वर्तमान है।।
वक़्त लौट कर नहीं आता चलता
गुजरता जाता वक़्त सिर्फ रुकता
वहां उसके लिए जो देता खास
अभिमान है।।
वक्त तारीख का सिकंदर जो वक्त से दो हाथ कर सकता है तो यही हसीन गुनाह वक़्त का गुरूर दुनियां कहती महान इंसान है।।
नन्दलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उतर प्रदेश।।