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28 Apr 2024 · 1 min read

“वक्त-वक्त की बात”

“वक्त-वक्त की बात”
कल शीशा था
सब देख-देख कर जाते थे,
अब टूट गया हूँ
सब बच-बच कर जाते हैं,
ये वक्त है भाई
दिन सबके आते हैं।

3 Likes · 3 Comments · 163 Views
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