“वक्त-वक्त की बात”
“वक्त-वक्त की बात”
कल शीशा था
सब देख-देख कर जाते थे,
अब टूट गया हूँ
सब बच-बच कर जाते हैं,
ये वक्त है भाई
दिन सबके आते हैं।
“वक्त-वक्त की बात”
कल शीशा था
सब देख-देख कर जाते थे,
अब टूट गया हूँ
सब बच-बच कर जाते हैं,
ये वक्त है भाई
दिन सबके आते हैं।