Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Apr 2024 · 1 min read

वक्त की रेत

ना यह कभी टिक सकती
ना कभी रुक सकती
पल पल हर पल
फिसलती हुई वक्त की रेत,
बस आगे बढ़ जा
तू उसकी नब्ज देख।

वक्त की रेत तो
हाथों से यूँ ही फिसल जाती,
समझ आए जब तलक
पूरी जिन्दगी निकल जाती।

मेरी 46 वीं प्रकाशित काव्य-कृति :
‘वक्त की रेत’ से…
ये शीर्षक रचना की चन्द पंक्तियाँ हैं।

डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
टैलेंट आइकॉन – 2022-23
हरफनमौला साहित्य लेखक।

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 23 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
हे मेरे प्रिय मित्र
हे मेरे प्रिय मित्र
कृष्णकांत गुर्जर
💐प्रेम कौतुक-515💐
💐प्रेम कौतुक-515💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
नशे में फिजा इस कदर हो गई।
नशे में फिजा इस कदर हो गई।
लक्ष्मी सिंह
■ वही हालात बेढंगे जो पहले थे वो अब भी हैं।
■ वही हालात बेढंगे जो पहले थे वो अब भी हैं।
*Author प्रणय प्रभात*
चलो , फिर करते हैं, नामुमकिन को मुमकिन ,
चलो , फिर करते हैं, नामुमकिन को मुमकिन ,
Atul Mishra
आशा
आशा
Sanjay ' शून्य'
सवाल~
सवाल~
दिनेश एल० "जैहिंद"
उसकी बाहो में ये हसीन रात आखिरी होगी
उसकी बाहो में ये हसीन रात आखिरी होगी
Ravi singh bharati
खुली आंखें जब भी,
खुली आंखें जब भी,
Lokesh Singh
माता - पिता
माता - पिता
Umender kumar
दिन भर रोशनी बिखेरता है सूरज
दिन भर रोशनी बिखेरता है सूरज
कवि दीपक बवेजा
।।जन्मदिन की बधाइयाँ ।।
।।जन्मदिन की बधाइयाँ ।।
Shashi kala vyas
आज वक्त हूं खराब
आज वक्त हूं खराब
साहित्य गौरव
औरतें
औरतें
Kanchan Khanna
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
सभी कहें उत्तरांचली,  महावीर है नाम
सभी कहें उत्तरांचली, महावीर है नाम
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
धरा की प्यास पर कुंडलियां
धरा की प्यास पर कुंडलियां
Ram Krishan Rastogi
आशिकी
आशिकी
साहिल
जीवन तब विराम
जीवन तब विराम
Dr fauzia Naseem shad
किसका चौकीदार?
किसका चौकीदार?
Shekhar Chandra Mitra
राजा जनक के समाजवाद।
राजा जनक के समाजवाद।
Acharya Rama Nand Mandal
पहले एक बात कही जाती थी
पहले एक बात कही जाती थी
DrLakshman Jha Parimal
मनवा मन की कब सुने, करता इच्छित काम ।
मनवा मन की कब सुने, करता इच्छित काम ।
sushil sarna
"सोच"
Dr. Kishan tandon kranti
सच को तमीज नहीं है बात करने की और
सच को तमीज नहीं है बात करने की और
Ranjeet kumar patre
*नगर अयोध्या ने अपना फिर, वैभव शुचि साकार कर लिया(हिंदी गजल)
*नगर अयोध्या ने अपना फिर, वैभव शुचि साकार कर लिया(हिंदी गजल)
Ravi Prakash
मनुस्मृति का, राज रहा,
मनुस्मृति का, राज रहा,
SPK Sachin Lodhi
नया युग
नया युग
Anil chobisa
आदमी चिकना घड़ा है...
आदमी चिकना घड़ा है...
डॉ.सीमा अग्रवाल
★उसकी यादों का साया★
★उसकी यादों का साया★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
Loading...