वक़्त ही तो है गुजर जाएगा
वक़्त ही तो है गुजर जाएगा
आज बुरा है, कल अच्छा होगा
आज अकेला, कल गुच्छा होगा
बदलती है हर पल उसकी लीला,
कब कसे डोर, कब कर दे ढीला,
उसकी हवा का रुख बदल जाएगा
वक़्त ही तो है, गुजर जाएगा !!
आती जाती ये दुनियादारी
जीती कब है, मौत से हारी
हार जीत का डर तुम छोडो,
इरादों से हर रुख को मोड़ो,
घना कुहासा भी छट जायेगा
वक़्त ही तो है, गुजर जाएगा !!
सपनों लक्ष्यों में अंतर जानो
अपनी ऊर्जा स्वयं पहचानो,
हिम्मत धारो कदम बढ़ाओ,
धनुष पे कर्म का बाण चढ़ाओ
भारी मन भी हल्का हो जाएगा
वक़्त ही तो है, गुजर जाएगा !!
मंजिल की चाह कभी न खोना,
चलता ही रहेगा ये हँसना रोना,
जीवन का खेल तो है एक परीक्षा
करते रहना तुम इसकी समीक्षा,
हल खुद ब खुद मिल जाएगा
वक़्त ही तो है, गुजर जाएगा !!
हाथ बांधे अभी क्यों खड़े हो तुम
हादसों से भला क्यों डरे हो तुम
कब दुःख डटा है हौसलों के आगे
हिम्मत से ही हर मुश्किल भागे,
दौर बुरा है, ये भी निकल जाएगा,
वक़्त ही तो है, गुजर जाएगा !!
स्वरचित : डी के निवातिया