Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 May 2024 · 2 min read

वक़्त की पहचान🙏

वक्त की पहचान🙏
🔵🔵🔵🔵🔵🔵
वक्त अनजान गुमनाम नहीं
जग तो हैं संगी साथी इनके
समझते जन पल पल इनको
वक्त नहीं समझता किसीको

जव़ाना जानता है पर ये ज़ुवां
नहीं समझता जव़ाने की कभी
वक्त से बड कर दूजा ना कोई
बात वक्त की इतिहास बनी

वक्त जो चाहता करता वही
वक्त घड़ी की इक छड़ी
टिक टिक करता जाए
क्षण क्षण बीता जाए

वक्त रोके न रुकते कभी
यह न रुका न रुकेगा कभी
आगे बढता रहता पीछे ना
देखा और कभी ना देखेगा

जीवन एक घड़ी की छड़ी
वक्त साथ लिए चलाता जाए
चल चल कभी नहीं थकता ये
दूजे का जीवन थकाता जाता

निज राग सुनाता चलता है
नही सुनता किसी का कोई
राजा को रंक रंक को राजा
साधु महात्मा की एक सजा

सरताज दे क्षण छीन लेते
देवी देव नहीं . छुट इसने
स्वर्ग वैभव छीन भू वन भेज
वन वन भटकने छोड़ देता

वक्त कभी भटकता नही
जग को भटका देते
अजर अमर अविनाशी ये
युगों को बदल बिन बदले

अपलक दृष्टि से बढ़ता जाए
टिक टिक पलपल बीता जाए
वक्त किसी का मोहताज नहीं
युग इनके मोहताज प्रतिपल

ये बराबर सबको मौका देता
राजा रंक मान भेद नहीं
गरीब अमीर बच्चे बूढ़े जीव
जन्तु में कोई अंतरभेद नही

साथ क्षण क्षण बढ़ता जाता है
बेदाग बादशाह कालखण्ड का
दाग लगाते पर दागी नहीं होते
सामान गति से चलता जाए

राग अनुराग रंगरूप भेष भाषा
विरह मिलन नाता रिश्ता की
पहचान नहीं अपनी पहचान
बना जग संदेश छोड़ते जाते

बेदर्दी ये दर्द क्या जाने ज़हान
सुख दुख गम वेदना देते जाते
यातना क्षोभ विक्षोभ सबको
एक समान देते पर स्वयं न लेते

इनके नजर ना बड़ा छोटा कोई
अपना पराया एकसमान दीखते
वक्त पहचान जो जन करते काम
उसी का जग में होता मान सम्मान
.*************************
♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️
तारकेशवर प्रसाद तरूप

Language: Hindi
91 Views
Books from तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
View all

You may also like these posts

आप पाएंगे सफलता प्यार से।
आप पाएंगे सफलता प्यार से।
सत्य कुमार प्रेमी
* चली रे चली *
* चली रे चली *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
* मन बसेगा नहीं *
* मन बसेगा नहीं *
surenderpal vaidya
भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार
भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार
Poonam Sharma
वो न जाने कहाँ तक मुझको आजमाएंगे
वो न जाने कहाँ तक मुझको आजमाएंगे
VINOD CHAUHAN
सत्य वर्तमान में है और हम भविष्य में उलझे हुए हैं।
सत्य वर्तमान में है और हम भविष्य में उलझे हुए हैं।
Ravikesh Jha
दुआ
दुआ
Shutisha Rajput
मकर संक्रांति
मकर संक्रांति
Savitri Dhayal
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - १)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - १)
Kanchan Khanna
अधूरी सी ज़िंदगी   ....
अधूरी सी ज़िंदगी ....
sushil sarna
सहज बन जाती
सहज बन जाती
Seema gupta,Alwar
"मोहब्बत में"
Dr. Kishan tandon kranti
..
..
*प्रणय*
आपकी आत्मचेतना और आत्मविश्वास ही आपको सबसे अधिक प्रेरित करने
आपकी आत्मचेतना और आत्मविश्वास ही आपको सबसे अधिक प्रेरित करने
Neelam Sharma
*सत्य  विजय  का पर्व मनाया*
*सत्य विजय का पर्व मनाया*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
I love you
I love you
Otteri Selvakumar
क्या हमारी नियति हमारी नीयत तय करती हैं?
क्या हमारी नियति हमारी नीयत तय करती हैं?
Soniya Goswami
Shankarlal Dwivedi reciting his verses and Dr Ramkumar Verma and other literary dignitaries listening to him intently.
Shankarlal Dwivedi reciting his verses and Dr Ramkumar Verma and other literary dignitaries listening to him intently.
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
3385⚘ *पूर्णिका* ⚘
3385⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
वंश चलाने वाला बेटा
वंश चलाने वाला बेटा
Shweta Soni
रक्षाबन्धन
रक्षाबन्धन
Ayushi Verma
सनातन संस्कृति
सनातन संस्कृति
मनोज कर्ण
राजनीतिक फायदे के लिए, तुम मुकदर्शक हो गये तो अनर्थ हो जाएगा
राजनीतिक फायदे के लिए, तुम मुकदर्शक हो गये तो अनर्थ हो जाएगा
नेताम आर सी
#मानवता का गिरता स्तर
#मानवता का गिरता स्तर
Radheshyam Khatik
ज़िंदगी की मशक़्क़त में
ज़िंदगी की मशक़्क़त में
Rekha Sharma "मंजुलाहृदय"
- अंत ही जीवन की शुरुआत है -
- अंत ही जीवन की शुरुआत है -
bharat gehlot
संगदिल
संगदिल
Aman Sinha
हो पवित्र चित्त, चित्र चांद सा चमकता है।
हो पवित्र चित्त, चित्र चांद सा चमकता है।
Sanjay ' शून्य'
वो पत्थर याद आते हैं
वो पत्थर याद आते हैं
प्रकाश कुमार "बाग़ी"
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Anjana Savi
Loading...