अरज लेकर आई हूं दर पर बताने ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
गांधी लाल बहादुर शास्त्री हमरा देश के दुगो शनवा।
उदास रातें बुझे- बुझे दिन न खुशनुमा ज़िन्दगी रही है
शिक्षा और संस्कार जीवंत जीवन के
मेरे जीवन में गुरु का दर्जा ईश्वर के समान है। “गुरु बिन भव न
"हिंदी साहित्य रत्न सम्मान - 2024" से रूपेश को नवाज़ा गया'
पीकर चलना नारियल , करना तू प्रयास ।
अस्त हुआ रवि वीत राग का /
*होता है पिता हिमालय-सा, सागर की गहराई वाला (राधेश्यामी छंद)
AE888 - Nhà Cái Số 1, Giao Dịch Siêu Tốc, Nạp Rút An Toàn. T
रखें बड़े घर में सदा, मधुर सरल व्यवहार।
अच्छे बल्लेबाज हैं, गेंदबाज दमदार।
लंगड़ी किरण (यकीन होने लगा था)
क्यों तेरी तसवीर को दिल में सजाया हमने