Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Nov 2017 · 1 min read

लड़ेंगे तो जीतेंगे

?लड़ेंगे तो जीतेंगे?

वो जो कुछ सवाल उलझेंगे नहीं,,
तो वो सवाल कभी सुलझेंगे कैसे,,

हम और हमारे विचार बिखरेंगे नहीं,,
तो हमारे अपने व्योवहार निखरेंगे कैसे,,

ख़्वाब हमारे भले टूटते रहे हो मगर,,
हौंसले फिरभी ज़िंदा है तो हम रुकेंगे कैसे,,

हौसला अपना कुछ ऐसा रखो समझे,,
मुश्किलें शर्मिंदा होगी गम ठहरेंगे कैसे,,

मनु ये आदमी का जीवन है याद रहे,,
जब लड़ेंगे ही नही तो जीतेंगे कैसे,,
?मानक लाल मनु?

Language: Hindi
2145 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दिन  तो  कभी  एक  से  नहीं  होते
दिन तो कभी एक से नहीं होते
shabina. Naaz
सीखने की भूख (Hunger of Learn)
सीखने की भूख (Hunger of Learn)
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
Touch the Earth,
Touch the Earth,
Dhriti Mishra
बापू तेरे देश में...!!
बापू तेरे देश में...!!
Kanchan Khanna
23/113.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/113.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बावजूद टिमकती रोशनी, यूं ही नहीं अंधेरा करते हैं।
बावजूद टिमकती रोशनी, यूं ही नहीं अंधेरा करते हैं।
ओसमणी साहू 'ओश'
"तकरार"
Dr. Kishan tandon kranti
गोविंदा श्याम गोपाला
गोविंदा श्याम गोपाला
Bodhisatva kastooriya
श्री कृष्ण भजन 【आने से उसके आए बहार】
श्री कृष्ण भजन 【आने से उसके आए बहार】
Khaimsingh Saini
Tujhe pane ki jung me khud ko fana kr diya,
Tujhe pane ki jung me khud ko fana kr diya,
Sakshi Tripathi
राह मुश्किल हो चाहे आसां हो
राह मुश्किल हो चाहे आसां हो
Shweta Soni
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रदीप माहिर
मजबूरन पैसे के खातिर तन यौवन बिकते देखा।
मजबूरन पैसे के खातिर तन यौवन बिकते देखा।
सत्य कुमार प्रेमी
मैंने रात को जागकर देखा है
मैंने रात को जागकर देखा है
शेखर सिंह
■ भाषा संस्कारों का दर्पण भी होती है श्रीमान!!
■ भाषा संस्कारों का दर्पण भी होती है श्रीमान!!
*Author प्रणय प्रभात*
सत्य कड़वा नहीं होता अपितु
सत्य कड़वा नहीं होता अपितु
Gouri tiwari
नवयुग का भारत
नवयुग का भारत
AMRESH KUMAR VERMA
*मन  में  पर्वत  सी पीर है*
*मन में पर्वत सी पीर है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जब एक ज़िंदगी है
जब एक ज़िंदगी है
Dr fauzia Naseem shad
बरगद पीपल नीम तरु
बरगद पीपल नीम तरु
लक्ष्मी सिंह
मैं ज़िंदगी के सफर मे बंजारा हो गया हूँ
मैं ज़िंदगी के सफर मे बंजारा हो गया हूँ
Bhupendra Rawat
*शिकायतें तो बहुत सी है इस जिंदगी से ,परंतु चुप चाप मौन रहकर
*शिकायतें तो बहुत सी है इस जिंदगी से ,परंतु चुप चाप मौन रहकर
Shashi kala vyas
समय की चाल समझ मेरे भाय ?
समय की चाल समझ मेरे भाय ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Good things fall apart so that the best can come together.
Good things fall apart so that the best can come together.
Manisha Manjari
अगर आप अपनी आवश्यकताओं को सीमित कर देते हैं,तो आप सम्पन्न है
अगर आप अपनी आवश्यकताओं को सीमित कर देते हैं,तो आप सम्पन्न है
Paras Nath Jha
*चाय भगोने से बाहर यदि, आ जाए तो क्या कहने 【हास्य हिंदी गजल/
*चाय भगोने से बाहर यदि, आ जाए तो क्या कहने 【हास्य हिंदी गजल/
Ravi Prakash
नच ले,नच ले,नच ले, आजा तू भी नच ले
नच ले,नच ले,नच ले, आजा तू भी नच ले
gurudeenverma198
अंतिम सत्य
अंतिम सत्य
विजय कुमार अग्रवाल
नज़्म/गीत - वो मधुशाला, अब कहाँ
नज़्म/गीत - वो मधुशाला, अब कहाँ
अनिल कुमार
रमेशराज की तीन ग़ज़लें
रमेशराज की तीन ग़ज़लें
कवि रमेशराज
Loading...