Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Oct 2024 · 1 min read

लौटकर आओगे जब…

लौटकर आओगे जब,
ड्योढ़ी पर पाओगे मुझे,
एकटक ताकते हुए —
हवा की सांसे और दीवारों का मौन,
सब कहेंगे कुछ न कुछ तुम्हारे बारे में।

तुम्हारी प्रतीक्षा में
ये ड्योढ़ी भी थक चुकी होगी,
और मैं —
मैं जैसे कोई पत्थर
जिसने बरसों से
सिर्फ तुम्हारी राह देखी है।

तुम्हारे बिना —
इस घर का हर कोना
एक शून्य बन चुका है,
वो शून्य जो बिखरा है
मेरे भीतर और बाहर,
जहां भी देखो,
तुम्हारे लौटने की आस है
या फिर तुम्हारी यादें।

हवा से पूछो,
वो बताएगी तुम्हें
कैसे हर रोज़
उसने मेरे आँसुओं को
बहाकर ले जाता है,
जैसे कोई पुराना गीत,
जो न सुना गया न भुलाया गया।

और तुम —
तुम कहां थे?
क्या कभी सुनी थी तुमने
इस ड्योढ़ी की ख़ामोशी?
क्या कभी महसूस किया था
मेरे मौन का बोझ,
जो हर गुजरते दिन के साथ
और भारी हो गया है?

तुम लौटोगे
और तब मैं पूछूंगी—
क्या सचमुच लौटे हो
या फिर
सिर्फ कोई स्मृति भर हो तुम,
जैसे हवा में बसा
कोई पुराना नाम,
जो कभी था,
पर अब कहीं नहीं।

मैं खड़ी रहूंगी वहीं,
जहां बरसों से खड़ी हूँ,
तुम्हारे बिना,
अपने भीतर के शून्य में।
और तब,
तुम पाओगे मुझे
एक अनकहा सवाल लिए —
क्या लौटना कभी
सचमुच लौटना होता है?

तुम बिन…
यह घर भी अब
सिर्फ एक प्रतीक्षा है
और मैं —
सिर्फ एक छाया
तुम्हारे इंतजार की।

—श्रीहर्ष —

Language: Hindi
19 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तूझे क़ैद कर रखूं मेरा ऐसा चाहत नहीं है
तूझे क़ैद कर रखूं मेरा ऐसा चाहत नहीं है
Keshav kishor Kumar
5 दोहे- वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई पर केंद्रित
5 दोहे- वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई पर केंद्रित
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
अंधकार जो छंट गया
अंधकार जो छंट गया
Mahender Singh
फिदरत
फिदरत
Swami Ganganiya
आँखों का कोना,
आँखों का कोना,
goutam shaw
चाहत है बहुत उनसे कहने में डर लगता हैं
चाहत है बहुत उनसे कहने में डर लगता हैं
Jitendra Chhonkar
"सनद"
Dr. Kishan tandon kranti
ओढ़े जुबां झूठे लफ्जों की।
ओढ़े जुबां झूठे लफ्जों की।
Rj Anand Prajapati
*** तोड़ दिया घरोंदा तूने ,तुझे क्या मिला ***
*** तोड़ दिया घरोंदा तूने ,तुझे क्या मिला ***
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
जीवन - अस्तित्व
जीवन - अस्तित्व
Shyam Sundar Subramanian
एक नयी शुरुआत !!
एक नयी शुरुआत !!
Rachana
दो अनजाने मिलते हैं, संग-संग मिलकर चलते हैं
दो अनजाने मिलते हैं, संग-संग मिलकर चलते हैं
Rituraj shivem verma
भारत के वीर जवान
भारत के वीर जवान
Mukesh Kumar Sonkar
#झुनझुना-😊
#झुनझुना-😊
*प्रणय*
जिन्दगी में कभी रूकावटों को इतनी भी गुस्ताख़ी न करने देना कि
जिन्दगी में कभी रूकावटों को इतनी भी गुस्ताख़ी न करने देना कि
Chaahat
3318.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3318.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
हमेशा सच बोलने का इक तरीका यह भी है कि
हमेशा सच बोलने का इक तरीका यह भी है कि
Aarti sirsat
सरयू
सरयू
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
दुनिया में कहीं से,बस इंसान लाना
दुनिया में कहीं से,बस इंसान लाना
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हाँ मैन मुर्ख हु
हाँ मैन मुर्ख हु
भरत कुमार सोलंकी
तू शौक से कर सितम ,
तू शौक से कर सितम ,
शेखर सिंह
शिक्षा और अबूजा
शिक्षा और अबूजा
Shashi Mahajan
इस तरह कुछ लोग हमसे
इस तरह कुछ लोग हमसे
Anis Shah
सब्जी के दाम
सब्जी के दाम
Sushil Pandey
एक दिवाली ऐसी भी।
एक दिवाली ऐसी भी।
Manisha Manjari
तुझसे रिश्ता
तुझसे रिश्ता
Dr fauzia Naseem shad
प्रेम कई रास्तों से आ सकता था ,
प्रेम कई रास्तों से आ सकता था ,
पूर्वार्थ
भोर की खामोशियां कुछ कह रही है।
भोर की खामोशियां कुछ कह रही है।
surenderpal vaidya
संतान को संस्कार देना,
संतान को संस्कार देना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
Loading...