लोहड़ी
पंजाब है खेत खलियानों-तीज त्योहारों का प्रदेश,
रंग, हरियाली और भाइचारे का देता संदेश।
सिख और हिन्दू करें स्वागत नई फसल और प्रकृति का,
जलायें आग, है द्योतक शिव और पार्वती के बिछडन का।
बेटी को दें तोहफ़े, करें प्रार्थना उसकी खुशहाली की,
पायें गिद्दा और भांगड़ा, याद करें दूल्ला भट्टी की।
ल से लकड़ी, ओह है उपला, डी़ से रेवड़ी,
सब मिल जाएं तो बन जाए लोहड़ी।
गज़क, मूँगफली – रेवड़ी से बने पकवान,
साथ में मक्के की रोटी ते सरसों का साग।
लोहड़ी है ऐसा उत्साह भरा त्योहार,
कई पौराणिक कथाएं हैं इसके साथ।
सर्दी आई, बहार लाई, चारों ओर उपज़ लहलहाई,
लोहड़ी परिवार और रिश्तेदारों को साथ लाई।
देता नया संदेश, भारतवर्ष का हर त्योहार,
लोहड़ी दर्शाता एकता और मानवता का हार।
संक्रांति-पोंगल से एक दिन पहले लोहड़ी त्योहार,
हर्षोल्लास, जोश, नृत्य, व्यंजनों की है भरमार।
पंजाब है खेत खलियानों-तीज त्योहारों का,
रंग, पकवान, हरियाली और भाइचारे का।