Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Jan 2017 · 1 min read

लोभी आकंक्ष्या

लोभी आकंक्ष्या

मेरी आकंक्ष्या या लक्ष्य;
मेरा चरित्र का शंसय,
लिये हुये है आकर्षण,
अपर्याप्त,असन्तुस्ट मन,
सिर्फ उत्कर्षं की प्रतीक्षा;
अतृप्त स्रवभुक लक्ष्य चुना
कुछ भी करना चाहता-
मोह सदा ही रहता सामने
जैसे तैरता मीन का नेत्र;
उसे भेदना हर हाल मे
न्याय या अन्याय का भाष,
कोई भी हो रास्ता या एहसास
स्वार्थ के आगे सब बौने
भावनाओं का क्या काम,
खोजता हूँ मेरी प्रसन्नता;
सिक्को की झंकार मे…..
विचित्र नहीं यह सोच,
चाहे इस चाहत मे,
बरबादी निश्चित पहचान;
नया कुछ भी नहीं जान,
पर नहीं जाता नई राह मे
साहस भी नहीं,
न लड़ने की क्षमता;
डराये मुझे भयावहता;
सोच की व्याकुलता;
मुझे छिन्न-भिन्न करती
क्यों की हर तरफ दिखता,
नीचता काले मन की;
मिलती कुठील मुस्कान;
औपचारिकता निभाते,
और लोभ से परिपूर्ण
हर कोई घूम रहा ,
अपना मृत देह-आत्मा ;
अपने कंधों पर लिये।।।

सजन

Language: Hindi
283 Views

You may also like these posts

..
..
*प्रणय*
अपना दर्द छिपाने को
अपना दर्द छिपाने को
Suryakant Dwivedi
"फितूर"
Dr. Kishan tandon kranti
सैनिक
सैनिक
Dr.Pratibha Prakash
3746.💐 *पूर्णिका* 💐
3746.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*** बिंदु और परिधि....!!! ***
*** बिंदु और परिधि....!!! ***
VEDANTA PATEL
There are seasonal friends. We meet them for just a period o
There are seasonal friends. We meet them for just a period o
पूर्वार्थ
फोन का ख़ास नम्बर
फोन का ख़ास नम्बर
Rekha khichi
दस्त बदरिया (हास्य-विनोद)
दस्त बदरिया (हास्य-विनोद)
गुमनाम 'बाबा'
दो मुक्तक
दो मुक्तक
Dr Archana Gupta
हम अपने घर में बेगाने
हम अपने घर में बेगाने
Manoj Shrivastava
"पापा की लाडली " क्या उन्हें याद मेरी आती नहीं
Ram Naresh
तुम्हें पाने के बाद मुझे सिर्फ एक ही चीज से डर लगता है वो है
तुम्हें पाने के बाद मुझे सिर्फ एक ही चीज से डर लगता है वो है
Ranjeet kumar patre
खेती-बारी पर आधारित आठ गो दोहा
खेती-बारी पर आधारित आठ गो दोहा
आकाश महेशपुरी
पिछले पन्ने 8
पिछले पन्ने 8
Paras Nath Jha
यह 🤦😥😭दुःखी संसार🌐🌏🌎🗺️
यह 🤦😥😭दुःखी संसार🌐🌏🌎🗺️
डॉ० रोहित कौशिक
*मृत्युलोक में देह काल ने, कुतर-कुतर कर खाई (गीत)*
*मृत्युलोक में देह काल ने, कुतर-कुतर कर खाई (गीत)*
Ravi Prakash
नाकाम मुहब्बत
नाकाम मुहब्बत
Shekhar Chandra Mitra
चाहे जितनी देर लगे
चाहे जितनी देर लगे
Buddha Prakash
सत्य तो सीधा है, सरल है
सत्य तो सीधा है, सरल है
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
कष्ट का कारण
कष्ट का कारण
अवध किशोर 'अवधू'
मन की कामना
मन की कामना
Basant Bhagawan Roy
प्रतिस्पर्धा अहम की....
प्रतिस्पर्धा अहम की....
Jyoti Pathak
रिश्ते
रिश्ते
Sanjay ' शून्य'
जय शारदा माँ
जय शारदा माँ
Mahesh Jain 'Jyoti'
- प्रेम कभी भी किसी से भी हो सकता है -
- प्रेम कभी भी किसी से भी हो सकता है -
bharat gehlot
मेरी ख़्वाहिश ने मुझ को लूटा है
मेरी ख़्वाहिश ने मुझ को लूटा है
Dr fauzia Naseem shad
ग़ज़ल __ दुआ देने से दुनिया में, दुआएं कम नहीं होती।
ग़ज़ल __ दुआ देने से दुनिया में, दुआएं कम नहीं होती।
Neelofar Khan
सफ़ीना छीन कर सुनलो किनारा तुम न पाओगे
सफ़ीना छीन कर सुनलो किनारा तुम न पाओगे
आर.एस. 'प्रीतम'
तन्हा -तन्हा
तन्हा -तन्हा
Surinder blackpen
Loading...