लोकतंत्र को और निखारने, देश में बहस कराई जाए
लोकतंत्र को और निखारने, देश में बहस कराई जाए
मापदंड तय हो विरोध के, लोकतंत्र बचाया जाए
धरना प्रदर्शन और रैलियां, अराजक नहीं बनाया जाए
जिम्मेवारी तय हो नेताओं की, हरगिज ना इनको छोड़ा जाए
सार्वजनिक संपत्ति देश की, नुकसान नहीं पहुंचाया जाए
बंद और धरना प्रदर्शन से, नुकसान देश का होता है
आम जनता है परेशान, नहीं भला किसी का होता है
सहमति या असहमति का, नया तरीका ढूंढा जाए
क्यों ना इस पर भी वोटिंग का, नवाचार अपनाया जाए
लोकतंत्र को और निखारने, देश में बहस कराई जाए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी