लॉकडाउन
कोरोना के विरूद्ध लड़ाई है
इलाज दूरी और सफ़ाई है ,
झूठा अहम मत रखो
थोड़ा काम करने का दम रखो ,
बस कामवाली आ जाये
भले कोरोना फैला जाये ,
ये कैसी सोच है
क्या कुछ नही होश है ?
अरे ! कुछ तो कर्म करो
थोड़ी सी ही शर्म करो ,
हम तो डूबेंगे सनम
सबको ले डूबेंगे ,
अपने स्वस्थ इलाक़े को
अपनी कम अकल से कोरंटाईन में रखेंगे ,
हाईजीन का अर्थ समझो
स्पैलिंग में मत उलझो ,
स्पैलिंग भले ग़लत हो जाये
पर संक्रमण कहीं ना बच पाये ,
कैसे हम हो गये हैं
दिखावे में सब भूल गये हैं ,
धन का ही सब सूरूर है
झूठा हमारा ग़ुरूर है ,
झूठे भ्रम में डूबे हैं हम
संक्रमण लेने पर तुले हैं हम ,
हमारी सब शिक्षा बेकार है
अरे ! नासमझों ये कोरोना की मार है ,
ये तुम्हारी हैसियत से नही डरेगा
ख़ुद की ख़ुद से की सफ़ाई से ये मरेगा ,
सोचो ! चिंतन करो मंथन करो
ज़रा सी बस मेहनत करो ,
थोड़े दिन का लॉकडाउन है
नही तो फिर ब्रेकडाउन है ।
स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 08/04/2020 )