लुटेरा ख्वाब
जब बंधे हम तुम बंधन में ,तुमने एक खवाब दिखाया था।
बोले थोड़ा पढ़ लिख लो तुम तुमने यह स्वप्न सजाया था । फिर जॉब लगी सरकारी ,जॉइनिंग में ट्राइबल विभाग पाया था ।
जब सर्च किया गूगल पे ,तो यह घर से 600 किलोमीटर दूर पाया था।
दोनों थे अनजान, यह क्या हो गया, देखो हमारे जीवन में कैसा मोड़ आया था।
छीन लिया साथ तेरा मेरा,
हाय यह ख्वाब कैसा लुटेरा बन केआया था।