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18 Jul 2024 · 1 min read

लिप्सा-स्वारथ-द्वेष में, गिरे कहाँ तक लोग !

लिप्सा-स्वारथ-द्वेष में, गिरे कहाँ तक लोग !
मार लंगड़ी और को, गिरा रहे हैं लोग।।

अर्थ बनाने में लगे, जिएँ अर्थ के अर्थ।
जीवन-अर्थ न जानते, जीना उनका व्यर्थ।।

© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद

Language: Hindi
1 Like · 62 Views
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