लिखूँगा तुम्हें..
मैं लिखूंगा तुम्हें
और बेहिसाब लिखूंगा
महज चंद अशआर नहीं
पूरा एक दीवान लिखूंगा
तुम जो ये सोचती हो
कि भूल जाऊंगा मैं
महज एक वहम है तुम्हारा
बेहद चाहा है तुम्हें
ये भी ग़लत तो नहीं
पर इश्क के नाम पर मिले
हर दर्द का हिसाब लिखूंगा मैं!!!!
हिमांशु Kulshrestha