*लव यू ज़िंदगी*
#लव यू ज़िंदगी
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ऐ हरफनमौला ज़िंदगी,
है पहेली सी हमसायगी।
तू एक हसीं अहसास,
तू रहती….है मेरे पास।
कभी मिश्री लगती हो,
कभी इमली लगती हो।
कभी लगती हो कड़वी सी,लव यू ज़िंदगी।
तू चाहे दग़ा दे मुझको,
तू चाहे वफ़ा दे मुझको।
कभी दुःख पहुंचाती हो,
कभी सुख पहुंचाती हो।
कभी ओढ़े यूं ख़ामोशी सी,लव यू ज़िंदगी।
तू कभी करामात करती,
तू कभी कभी यूं छलती।
तू कभी सब बर्बाद करे ,
तू कभी सब आबाद करे।
कभी लगती हो अजनबी सी,लव यू ज़िंदगी।
कभी दर-हक़ीक़त सी लगी,
कभी फ़साना बन कर जगी।
कभी अंधेरों में जा छुपी तू,
कभी उजालों में जा मिली तू।
तेरी तबीयत भी आदमी सी,लव यू ज़िंदगी।
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सुधीर कुमार
सरहिंद फतेहगढ़ साहिब पंजाब।