Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jan 2024 · 1 min read

लम्हा-लम्हा

लम्हा-लम्हा हमने भी जीना सीख लिया
या यूं कहिए बस आंसू पीना सीख लिया।

भूल कर बात पुरानी आगे रखा है कदम ।
बेवफा देख ज़रा,अब नहीं भरते तेरा दम।

कितनी बार जीये,कितनी बार मरे कोई ।
हंसे कोई कैसे ,जब आंसू आंख भरे कोई।

याद क्यों करूं मैं अब,जब वो भी भूल गया।
टूटा सपना जाने क्यों, आंखों में झूल गया।

खुदा‌ से था तुमको मांगा हमने कभी बार बार
फिर सब्र मांगा हमने,बची न कोई तकरार।

सुरिंदर कौर

50 Views
Books from Surinder blackpen
View all

You may also like these posts

मौत के बाज़ार में मारा गया मुझे।
मौत के बाज़ार में मारा गया मुझे।
Phool gufran
🌳वृक्ष की संवेदना🌳
🌳वृक्ष की संवेदना🌳
Dr. Vaishali Verma
"आईना सा"
Dr. Kishan tandon kranti
वो चेहरा
वो चेहरा
Sumangal Singh Sikarwar
तुझसे है मुझे प्यार ये बतला रहा हूॅं मैं।
तुझसे है मुझे प्यार ये बतला रहा हूॅं मैं।
सत्य कुमार प्रेमी
मोबाइल निगल गया
मोबाइल निगल गया
*प्रणय*
तुम
तुम
Rekha khichi
2482.पूर्णिका
2482.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
त्योहार
त्योहार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कमर की चाबी...
कमर की चाबी...
Vivek Pandey
Lately, what weighs more to me is being understood. To be se
Lately, what weighs more to me is being understood. To be se
पूर्वार्थ
प्रियवर
प्रियवर
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
हम आगे ही देखते हैं
हम आगे ही देखते हैं
Santosh Shrivastava
14, मायका
14, मायका
Dr .Shweta sood 'Madhu'
असफलता अनाथ होता है।
असफलता अनाथ होता है।
Dr.Deepak Kumar
पाइप लागल बाटे बाकिर...
पाइप लागल बाटे बाकिर...
आकाश महेशपुरी
"" *प्रताप* ""
सुनीलानंद महंत
मुक्कमल कहां हुआ तेरा अफसाना
मुक्कमल कहां हुआ तेरा अफसाना
Seema gupta,Alwar
वे सोचते हैं कि मार कर उनको
वे सोचते हैं कि मार कर उनको
VINOD CHAUHAN
बाबा! बळ बुधि देवजौ, पट हिरदै रा खोल।
बाबा! बळ बुधि देवजौ, पट हिरदै रा खोल।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
8) “चन्द्रयान भारत की शान”
8) “चन्द्रयान भारत की शान”
Sapna Arora
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelam Sharma
कुछ नया लिखना है आज
कुछ नया लिखना है आज
करन ''केसरा''
दोहा पंचक. . . .  अलि
दोहा पंचक. . . . अलि
sushil sarna
खुद से बिछड़ना
खुद से बिछड़ना
Surinder blackpen
दशहरे का संदेश
दशहरे का संदेश
Savitri Dhayal
मैं वो नदिया नहीं हूँ
मैं वो नदिया नहीं हूँ
Saraswati Bajpai
दर्द को उसके
दर्द को उसके
Dr fauzia Naseem shad
पहाड़ में गर्मी नहीं लगती घाम बहुत लगता है।
पहाड़ में गर्मी नहीं लगती घाम बहुत लगता है।
Brijpal Singh
*जो भी अच्छे काम करेगा, कलियुग में पछताएगा (हिंदी गजल)*
*जो भी अच्छे काम करेगा, कलियुग में पछताएगा (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
Loading...