लबों पर नाम है तुम्हारा
लबों पर नाम है तुम्हारा
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लबों पर नाम है तुम्हारा
बना है जीने का सहारा
तेरे साथ साथ में रहना
जीवन का हसीं नजारा
दिन रात तुम्हें ही सोचूं
बिन तेरे नहीं है गवारा
चाँद तारे मैं तोड़ लाऊँ
मिलती खुशियाँ बहारां
हर शैली में पूजता रहूँ
मिले चमकता सितारा
तुम ही आदि तुम अंत
तुम स्वप्न हो मेरा प्यारा
मनसीरत है तन्हां तन्हां
प्ंछी बिछड़ गया दुलारा
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)