लड़की
एक कोमल अहसास,
उज्ज्वल विमल उजास,
भविष्य की आस,
होती है लड़की।
स्नेह का जलजात,
सिहरता सा प्रपात,
प्रीत की सुवास,
होती है लड़की।
सागर से गहरी,
जीवन की प्रहरी,
सरगम की सांस,
होती है लड़की।
पूजा-सी पवन,
हरियाला सावन,
मेघ मनभावन,
होती है लड़की।
धैर्य की प्रतिमा,
मनुज की गरिमा,
श्रद्धा और साहस,
होती है लड़की।
— प्रतिभा आर्य
अलवर (राजस्थान)