लगे हैं ताले बँधी है जुबान ये सच है।
गज़ल
काफ़िया- आन की बंदिश
रद़ीफ- ये सच है।
मुफाइलुन फ़इलातुन मुफ़ाइलुन फेलुन
1212….1122….1212….22/112
लगे हैं ताले बँधी है जुबान ये सच है।
कहेंगे देश है अपना महान ये सच है।
खुली दुकाने थी दारू की जरूरत के लिए,
मगर थी बंद दवा की दुकान ये सच है।
देख लो एक से बढ़कर इमानदार यहाँ,
मगर बिके हैं सभी के इमान ये सच है।
किराएदार गया बैठ अब मेरे घर में,
कि हो गया है उसी का मकान ये सच है।
खबर तो रहती है हमको तमाम दुनियाँ की,
नहीं रहा है हमें अपना ज्ञान ये सच है।
हमारे प्यार के किस्से सुनो तो जानोगे,
अगर हसीं थे वो मैं था जवान ये सच है।
हमें न प्यार मिला किस से ये कहें प्रेमी,
मिला है प्यार मे बस इम्तिहान ये सच है।
…..✍️ प्रेमी