Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Feb 2023 · 1 min read

लक्ष्य का जूनून

जा रहे थे सड़क से कहीं दूर तुम,
मैं खड़ा किनारे पे राह तकता जा रहा था।
भाग रही थी सड़क तुम्हारी इस जहां से दूर कहीं,
मैं बस यूंही खड़ा किनारे पे ,
तुमको मंजिल पाता देख रहा था।
देखा तो पाया मैने मंजिल थी दूर कहीं,
पर जिद करके मंजिल को पाना ,
ये ही चाह थी तुम्हारी।
अनिरुद्ध पांडेय

Language: Hindi
139 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कुदरत है बड़ी कारसाज
कुदरत है बड़ी कारसाज
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
" तारीफ़ "
Dr. Kishan tandon kranti
ऐसे यूं ना देख
ऐसे यूं ना देख
Shashank Mishra
त्यागने से जागने की ओर - रविकेश झा
त्यागने से जागने की ओर - रविकेश झा
Ravikesh Jha
पहली दस्तक
पहली दस्तक
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
मेरी जो बात उस पर बड़ी नागवार गुज़री होगी,
मेरी जो बात उस पर बड़ी नागवार गुज़री होगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अधरों ने की  दिल्लगी, अधरों  से  कल  रात ।
अधरों ने की दिल्लगी, अधरों से कल रात ।
sushil sarna
तुम रूठकर मुझसे दूर जा रही हो
तुम रूठकर मुझसे दूर जा रही हो
Sonam Puneet Dubey
सभी भगवान को प्यारे हो जाते हैं,
सभी भगवान को प्यारे हो जाते हैं,
Manoj Mahato
11. एक उम्र
11. एक उम्र
Rajeev Dutta
"मित्रों से जुड़ना "
DrLakshman Jha Parimal
*बस याद ही रह जाएगी*
*बस याद ही रह जाएगी*
Sunil Gupta
माँ तेरे आँचल तले...
माँ तेरे आँचल तले...
डॉ.सीमा अग्रवाल
माँ
माँ
Vijay kumar Pandey
जो कभी मिल ना सके ऐसी चाह मत करना।
जो कभी मिल ना सके ऐसी चाह मत करना।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
मात - पिता से सीख
मात - पिता से सीख
राधेश्याम "रागी"
........,
........,
शेखर सिंह
किस तिजोरी की चाबी चाहिए
किस तिजोरी की चाबी चाहिए
भरत कुमार सोलंकी
*बुढ़ापे का असर है यह, बिना जो बात अड़ते हो 【 हिंदी गजल/गीतिक
*बुढ़ापे का असर है यह, बिना जो बात अड़ते हो 【 हिंदी गजल/गीतिक
Ravi Prakash
प्रेम शाश्वत है
प्रेम शाश्वत है
Harminder Kaur
क्या जनता दाग धोएगी?
क्या जनता दाग धोएगी?
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
बरसात
बरसात
Dr.Pratibha Prakash
अजब है इश्क़ मेरा वो मेरी दुनिया की सरदार है
अजब है इश्क़ मेरा वो मेरी दुनिया की सरदार है
Phool gufran
दिल आइना
दिल आइना
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मुस्कुराकर बात करने वाले
मुस्कुराकर बात करने वाले
Chitra Bisht
ना समझ आया
ना समझ आया
Dinesh Kumar Gangwar
ମୁଁ ତୁମକୁ ଭଲପାଏ
ମୁଁ ତୁମକୁ ଭଲପାଏ
Otteri Selvakumar
मन की इच्छा मन पहचाने
मन की इच्छा मन पहचाने
Suryakant Dwivedi
सभी से।
सभी से।
*प्रणय*
"बेचारा किसान"
Dharmjay singh
Loading...