लंबे चौड़े दिखें, किंतु है खाली बक्सा
(मुक्त छंद)
“नायक” आधी मुड़ाकर, मार रहे हैं धाँक|
ना सज्जन से दिख रहे, ना गुंडा की बाँक||
ना गुंडा की बाँक ,बने आधे मुछमुंडा|
फिरहुँ कह रहे हम हैं राजा भैया कुंडा||
कह ‘नायक’ कविराय देख लो इनका नक्शा|
लंबे चौड़े दिखें, किंतु है खाली बक्सा||
बृजेश कुमार नायक
“जागा हिंदुस्तान चाहिए” एवं “क्रौंच सुऋषि आलोक” कृतियों के प्रणेता चाहिए
09-04-2017
एक कवि द्वारा मूँछो बाले कवि की तारीफ़ एवं बिना मूँछ बालों पर व्यंग करने पर इस मुक्त छंद का निर्माण हुआ|
जिन कविवर ने बिना मूछ बालों पर व्यंग्य पढा था, वह आधी मूँछ रखे हुए थे|