**लंबी हो बलम उमरिया तोरी**
किए मैंने सोलह सिंगार साथ में है मेरे भरतार,
प्यार करते मुझे अपार, यही हमारा संसार।
यही दुआएं आज है मोरी,लंबी हो बलम उमरिया तोरी।।
निर्जल निराहार रह कर के, तोरे नाम का व्रत लिया।
जब जो चाहा बालम तूने मुझको वही ला के दिया।
आज चांद तू बन जा मेरा मैं बन जाऊं चकोरी।।
यही दुआएं आज है मोरी, लंबी हो बलम उमरिया तोरी।।
देख के तुझको ही व्रत खोलू बार-बार यही तुझसे बोलूं ।
जब जब पाऊं जनम दोबारा ,बस तेरी ही होलू।
प्यार यूंही तुम करते रहना,आज तलक जो तुमने किया।।
यही दुआएं आज है मोरी, लंबी हो बलम उमरिया तोरी।।
राजेश व्यास अनुनय