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18 Jun 2024 · 1 min read

रोजालिण्ड बनाम डेसडिमोना

होना चाहा था रोज़ालिण्ड
शेक्सपियर की एक पात्र,
जिसकी जिन्दगी की मशाल
खुद उसने थाम रखी थी
अंधेरों को उजालों मे
बदलने का प्रण लिए
अथक कदमों से
अपनी जीवन यात्रा मापती,
किन्तु चलते -चलते
विचारों के समानान्तर ट्रैक पर
जाने कब मेरी गाड़ी का इन्जन
दूसरे ट्रैक पर आ गया,
मैं जान ही न सकी ।
मैं हो गई डेसडिमोना
नियति के क्रूर हाथों छली गई
निर्दोष होते हुए भी
मौन हो स्वयं पर लगे सब दोष
अभियुक्त बन स्वीकार गई।

Language: Hindi
73 Views
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