घंटा हिलाने वाली कौमें
सहराओं में बादल बरसाकर
फसलें नहीं उगाया करती हैं!
सितारों से आगे जाकर अपनी
बस्तियां नहीं बनाया करती हैं!!
तुम्हें मालूम भी है भगतसिंह ने
क्या कहा था फांसी के तख्ते से!
घंटा हिलाने वाली कौमें कभी
दुनिया नहीं हिलाया करती हैं!!
इंक़लाब! ज़िंदाबाद!!