Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Mar 2022 · 1 min read

रूस यूक्रेन युद्ध (दोहा)

दोहा

भला नहीं होता युद्ध से ,सब कुछ करता नाश ।
करे यही सब कामना , रुक जाये यह काश ।।

रूस और यूक्रेन में छिड़ी भयानक जंग ।
मार रहे सैनिक मरे ,मानुष बने पतंग ।।

दिग्दिगंत स्वर गूँजते, जमकर हुआ विरोध ।
अब तक अगणित मर गए ,रूस करो कुछ शोध ।।

विचलित जन-मन युद्ध से ,जान-माल की हानि ।
रूस तना यूक्रेन पर ,करे नहीं अब ग्लानि ।।

घोर युध्द को देख कर ,अनहोनी संकेत ।
विश्व युद्ध क्या तीसरा, होगा रहें सचेत ।।

हुआ विश्व में युध्द जो ,होगा सब कुछ नष्ट ।
साल हजारों बाद भी ,मिट न सकेगा कष्ट ।।

युध्द करे जो देश वह , माथे धरे कलंक ।
डरे देश दुनिया सदा ,फैला मन आतंक ।।

देश-देश में युद्ध से ,सिर्फ अहम की पूर्ति ।
रूस युध्द यूक्रेन में , अन्य सभी प्रतिमूर्ति।।

डा. सुनीता सिंह ‘सुधा’शोहरत
मौलिक स्वरचित सृजन
4/3/2022
वाराणसी

Language: Hindi
497 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"अकेलापन और यादें "
Pushpraj Anant
वायु प्रदूषण रहित बनाओ।
वायु प्रदूषण रहित बनाओ।
Buddha Prakash
दरकती है उम्मीदें
दरकती है उम्मीदें
Surinder blackpen
हिंदी सबसे प्यारा है
हिंदी सबसे प्यारा है
शेख रहमत अली "बस्तवी"
मै ठंठन गोपाल
मै ठंठन गोपाल
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*पापी पेट के लिए *
*पापी पेट के लिए *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
■ 2023/2024 👌
■ 2023/2024 👌
*Author प्रणय प्रभात*
माँ की कहानी बेटी की ज़ुबानी
माँ की कहानी बेटी की ज़ुबानी
Rekha Drolia
सागर ने भी नदी को बुलाया
सागर ने भी नदी को बुलाया
Anil Mishra Prahari
स्वाभिमान
स्वाभिमान
Shyam Sundar Subramanian
ज़िंदगी के तजुर्बे खा गए बचपन मेरा,
ज़िंदगी के तजुर्बे खा गए बचपन मेरा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वह देश हिंदुस्तान है
वह देश हिंदुस्तान है
gurudeenverma198
*अंजनी के लाल*
*अंजनी के लाल*
Shashi kala vyas
मन
मन
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
यूँ तो इस पूरी क़ायनात मे यकीनन माँ जैसा कोई किरदार नहीं हो
यूँ तो इस पूरी क़ायनात मे यकीनन माँ जैसा कोई किरदार नहीं हो
पूर्वार्थ
*चिड़ियों को जल दाना डाल रहा है वो*
*चिड़ियों को जल दाना डाल रहा है वो*
sudhir kumar
मोबाइल भक्ति
मोबाइल भक्ति
Satish Srijan
मैं हूं कार
मैं हूं कार
Santosh kumar Miri
श्री कृष्ण जन्माष्टमी
श्री कृष्ण जन्माष्टमी
Neeraj Agarwal
बालचंद झां (हल्के दाऊ)
बालचंद झां (हल्के दाऊ)
Ms.Ankit Halke jha
समय
समय
Paras Nath Jha
वस्तु काल्पनिक छोड़कर,
वस्तु काल्पनिक छोड़कर,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
मां तुम्हें आता है ,
मां तुम्हें आता है ,
Manju sagar
मत कर ग़ुरूर अपने क़द पर
मत कर ग़ुरूर अपने क़द पर
Trishika S Dhara
गरीब और बुलडोजर
गरीब और बुलडोजर
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
ढलता वक्त
ढलता वक्त
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
2744. *पूर्णिका*
2744. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तुमको खोकर
तुमको खोकर
Dr fauzia Naseem shad
Loading...