Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 May 2024 · 1 min read

रुख़्सत

इस शहर की यादगारों को साथ ले चला हूँ ,
बीते हुए लम्हों का हिसाब साथ ले चला हूँ ,

रंजिशे, अदावतें छोड़,
प्यार साथ ले चला हूँ ,
सरगर्मी – ए – महफ़िल छोड़,
तन्हाई साथ ले चला हूँ ,

ज़ुल्मो सितम की दास्ताँ छोड़,
सुकून साथ ले चला हूँ ,
दर्दे बेवफ़ाई छोड़,
एहसान- ए -वफ़ा साथ ले चला हूँ ,

खुदगर्जी छोड़,
एहसास- ए- हमदर्दी साथ ले चला हूँ ,
फ़ितरत छोड़,
अख़लाक़ साथ ले चला हूँ ,

सोए हुए ज़मीर को जगा ,
इंसानियत साथ ले चला हूँ ।

Language: Hindi
75 Views
Books from Shyam Sundar Subramanian
View all

You may also like these posts

कर्मठ बनिए
कर्मठ बनिए
Pratibha Pandey
4744.*पूर्णिका*
4744.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मेरी आवाज से आवाज मिलाते रहिए
मेरी आवाज से आवाज मिलाते रहिए
आकाश महेशपुरी
#मुक्तक
#मुक्तक
*प्रणय*
रिश्तों की डोर
रिश्तों की डोर
Neha
अष्टम् तिथि को प्रगटे, अष्टम् हरि अवतार।
अष्टम् तिथि को प्रगटे, अष्टम् हरि अवतार।
डॉ.सीमा अग्रवाल
आत्म यात्रा सत्य की खोज
आत्म यात्रा सत्य की खोज
Ritu Asooja
चलो एक बार फिर से ख़ुशी के गीत गाएं
चलो एक बार फिर से ख़ुशी के गीत गाएं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तलाश
तलाश
Shyam Sundar Subramanian
बदली में विश्राम
बदली में विश्राम
RAMESH SHARMA
दुमदार दोहे
दुमदार दोहे
seema sharma
पराठों का स्वर्णिम इतिहास
पराठों का स्वर्णिम इतिहास
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
* नहीं पिघलते *
* नहीं पिघलते *
surenderpal vaidya
मां
मां
पूर्वार्थ
क्या तुम्हें लगता है कि
क्या तुम्हें लगता है कि
gurudeenverma198
निदामत का एक आँसू ......
निदामत का एक आँसू ......
shabina. Naaz
गीत- निभाएँ साथ इतना बस...
गीत- निभाएँ साथ इतना बस...
आर.एस. 'प्रीतम'
*तीन कवियों ने मिलकर बनाई एक कुंडलिया*
*तीन कवियों ने मिलकर बनाई एक कुंडलिया*
Ravi Prakash
क्यो नकाब लगाती
क्यो नकाब लगाती
भरत कुमार सोलंकी
चलते चलते थक गया, मन का एक फकीर।
चलते चलते थक गया, मन का एक फकीर।
Suryakant Dwivedi
कविता : याद
कविता : याद
Rajesh Kumar Arjun
गणपति स्तुति
गणपति स्तुति
Dr Archana Gupta
जीवन की भागदौड़
जीवन की भागदौड़
Rambali Mishra
हमने भी तुझे दिल से निकाल दिया
हमने भी तुझे दिल से निकाल दिया
Jyoti Roshni
मोल भाव की कला
मोल भाव की कला
Chitra Bisht
मोहब्बत ना-समझ होती है समझाना ज़रूरी है
मोहब्बत ना-समझ होती है समझाना ज़रूरी है
Rituraj shivem verma
संकुचित नहीं है ध्येय मेरा
संकुचित नहीं है ध्येय मेरा
Harinarayan Tanha
दोहा छंद
दोहा छंद
Yogmaya Sharma
प्यारे घन घन घन कर आओ
प्यारे घन घन घन कर आओ
Vindhya Prakash Mishra
मोहब्बत शायरी
मोहब्बत शायरी
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
Loading...