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8 Apr 2024 · 1 min read

मेरी आवाज से आवाज मिलाते रहिए

मेरी आवाज से आवाज मिलाते रहिए
शेर जम जाये तो ताली भी बजाते रहिए

आँख से हो के ही जाता है दिलों का रस्ता
दिल में आने के लिए आँख लड़ाते रहिए

बाल नुच जायें तो नुच जायें सभी सिर के मगर
यूँ ही सड़कों पे सदा इश्क़ लुटाते रहिए

याद उसकी मुझे बेचैन बहुत करती है
जबतलक होश न खो जाये पिलाते रहिए

आपको भी कहा जायेगा, बड़ा शायर है
एक ही नज़्म को हर बार सुनाते रहिए

चैन से जीना है ‘आकाश’ अगर घर में तो
पाँव घरवाली के हर रोज़ दबाते रहिए

– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 04/04/2024

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