रिसर्च करणी है तो मृत्यु पर करे न की दुसरे ग्रहो की —रस्तोगी
अनेको ग्रह इस ब्रहमांड में,तब भी आपस में मिलकर रहते है
इस पृथ्वी ग्रह के प्राणी,क्यों आपस में लड़ते झगड़ते है
आपस में ये एक दूजे की परिक्रमा भी करते रहते है
नहीं किसी से टकराते अपने रास्ते पर चलते रहते है
नहीं शांति इस भू के प्राणी को,एटम बम बनाने में लगे हुए
अपना ग्रह नहीं सभंल रहा, दुसरे ग्रहों की खोज में लगे हुए
पृथ्वी ग्रह में मंगल नहीं,फिर भी मंगल ग्रह में बसना चाहते है
इनकी बुद्धि क्या खराब हुई,वहाँ जाकर क्यों ये मरना चाहते है
जब पृथ्वी में प्राणी नहीं रहेगा,किसको मंगल ग्रह ले जाओगे ?
यह है मेरा,यह है तेरा,ऐसा करते करते तुम ही मर जाओगे
कोई नासा में, कोई इसरो में,रिसर्च करने में सब जुटे हुए
उन पर रिसर्च नहीं कोई करता जो दुनिया को नष्ट करने में जुटे हुए
विध्वंस के ढेरो पर बैठी है दुनिया,पहले इसको तुम खत्म करो
मै सुझाव देता हूँ सबको,पहले दुनियो को बचाने का प्रयत्न करो
वैज्ञानिक सभी जानते है,मृत्यु सबको एक दिन आएगी
मृत्यु को पहले काबू करो तभी ये रिसर्च काम आएगी