रिश्ते जिन्दगी के
दिनांक 18/5/19
रिश्ते निभाना
आसान नहीं
यहाँ हर कोई
अजनबी नजर
आता है
है रिश्ते
मतलब के
वक्त जरूरत
अजनबी भी
रिश्ते बताता है
जब तलक
रहता वास्ता
माँ बाप से
झूठा प्यार
दिखाता है
छोड़ देता है
बेटा ही उन्हें
अजनबी बन
दोराहे पर
कितना दर्द
होता है
मेरे दोस्त
जब अपना
अजनबी
बन जाता है
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल