रिश्ते अजनवी से
रिश्ते अजनवी से
जीवन के लंबे सफर में,
कुछ ऐसे मिल जाते हैं।
जब अपनों में अपना न मिले,
वे अपने हो जाते हैं।
दबी हुई दिल में कुछ बातें,
जो उनसे कह जाते हैं।
ग्वार दिल का कुछ कम होता,
जो अपना बन सुन जाते हैं।
जो देखा न भला होता,
न कोई खून का रिश्ता होता।
मानवता के इस रिश्ते में,
वह अपनों से प्यारा होता ।
पल-पल नैना स्नेह बरसे,
दर्शन के हित दिल तरसे।
दो चार मीठे बोलो से,
दुख भरा यह हिय हर्षे ।
ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर हिमाचल प्रदेश