Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jun 2023 · 1 min read

*क्रुद्ध हुए अध्यात्म-भूमि के, पर्वत प्रश्न उठाते (हिंदी गजल

क्रुद्ध हुए अध्यात्म-भूमि के, पर्वत प्रश्न उठाते (हिंदी गजल/गीतिका)
—————————————
1
क्रुद्ध हुए अध्यात्म-भूमि के, पर्वत प्रश्न उठाते
तपोभूमि यह भोगी बनकर, लोग यहाँ क्योँ आते
2
यहाँ साधना मेँ रत शंकर, ओमकार को भजते
ब्रह्म-ज्ञान के इच्छुक साधक, यहाँ ब्रह्म को पाते
3
यहाँ बर्फ से ढकी चोटियाँ, निर्मल धारा बहती
यहाँ विलासी-जन विलासिता, सामग्री क्योँ लाते
4
पूजनीय यह वन्दनीय यह, इनको पुष्प समर्पित
इनका रूप अनूप ब्रह्म के, यह स्वरूप कहलाते
5
पर्यावरण प्रदूषित करना, बड़ा पाप है भारी
जिम्मेदार इसी को सब, जल-प्रलय हेतु ठहराते
6
पर्वत-पेड़-नदी के बल पर, जिंदा है यह धरती
अपने पैर कुल्हाड़ी खुद ही, हैँ नादान चलाते
—————————————-
रचयिता :रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

158 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
अपनों के बीच रहकर
अपनों के बीच रहकर
पूर्वार्थ
आसमान पर बादल छाए हैं
आसमान पर बादल छाए हैं
Neeraj Agarwal
!! रक्षाबंधन का अभिनंदन!!
!! रक्षाबंधन का अभिनंदन!!
Chunnu Lal Gupta
#लघुकथा / #बेरहमी
#लघुकथा / #बेरहमी
*Author प्रणय प्रभात*
आ भी जाओ
आ भी जाओ
Surinder blackpen
ऐ जिंदगी
ऐ जिंदगी
Anil "Aadarsh"
प्रिय भतीजी के लिए...
प्रिय भतीजी के लिए...
डॉ.सीमा अग्रवाल
"होरी"
Dr. Kishan tandon kranti
नवसंवत्सर 2080 कि ज्योतिषीय विवेचना
नवसंवत्सर 2080 कि ज्योतिषीय विवेचना
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
हुआ पिया का आगमन
हुआ पिया का आगमन
लक्ष्मी सिंह
23/24.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/24.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Lambi khamoshiyo ke bad ,
Lambi khamoshiyo ke bad ,
Sakshi Tripathi
ये जो फेसबुक पर अपनी तस्वीरें डालते हैं।
ये जो फेसबुक पर अपनी तस्वीरें डालते हैं।
Manoj Mahato
मां कालरात्रि
मां कालरात्रि
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
* यौवन पचास का, दिल पंद्रेह का *
* यौवन पचास का, दिल पंद्रेह का *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Destiny
Destiny
Shyam Sundar Subramanian
हमारा गुनाह सिर्फ यही है
हमारा गुनाह सिर्फ यही है
gurudeenverma198
गृहस्थ-योगियों की आत्मा में बसे हैं गुरु गोरखनाथ
गृहस्थ-योगियों की आत्मा में बसे हैं गुरु गोरखनाथ
कवि रमेशराज
बार बार बोला गया झूठ भी बाद में सच का परिधान पहन कर सच नजर आ
बार बार बोला गया झूठ भी बाद में सच का परिधान पहन कर सच नजर आ
Babli Jha
💐प्रेम कौतुक-394💐
💐प्रेम कौतुक-394💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
गुरु आसाराम बापू
गुरु आसाराम बापू
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
दिल में कुण्ठित होती नारी
दिल में कुण्ठित होती नारी
Pratibha Pandey
Happy new year 2024
Happy new year 2024
Ranjeet kumar patre
सिर्फ लिखती नही कविता,कलम को कागज़ पर चलाने के लिए //
सिर्फ लिखती नही कविता,कलम को कागज़ पर चलाने के लिए //
गुप्तरत्न
इस दरिया के पानी में जब मिला,
इस दरिया के पानी में जब मिला,
Sahil Ahmad
नवगीत
नवगीत
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
इंसान ऐसा ही होता है
इंसान ऐसा ही होता है
Mamta Singh Devaa
विश्वेश्वर महादेव
विश्वेश्वर महादेव
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
"सुप्रभात"
Yogendra Chaturwedi
पतंग
पतंग
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...