गुरु आसाराम बापू
गुरु बनाया आसाराम को,
दण्डवत किया प्रणाम ।
गुरु राम रहीम पीछे से देख रहे,
तुम सब का हो कल्याण ।।
तुम सब का हो कल्याण,
रात में आना ज्ञान सीखने,
कम कपड़ों में योग करेंगे,
इंद्रियों को छोड़ कर नीचे ।।
गुरु रहे रामपाल ने,
खोल दिए सतलोक के द्वार,
भक्त नारियां आँख बंद कर बैठी रही,
गुरि चिन्नमयानंद करते रहे चमत्कार ।।
गुरु नारायण साईं देंगे प्रवचन,
इस भौतिक झूठी देह के ।
तुम सब रहना आँख बंद किए,
तुम्हारी इंद्रियों को वो कंट्रोल करके।
इसी कंट्रोल पर बिक गए,
चीनी चावल तेल,
गरीब महिलाओं का सब लूट लिया,
अब बची रही बस देह…
बची हुई पंचतत्व की इस धूल का,
नाम है देह , इस देह का क्या करेंगे,
देह तो है भ्रम जाल जगत का,
इस मिट्टी राख को सहेज कर क्या करेंगे..
यही मिला गुरु ज्ञान गुरु कृपा से,
गुरु चलाएं चार चक्का थार रचाएं रास।
करें ऐसी में हठ योग सिद्धि अभ्यास
पूजा, वंदना, साधना, आराधना की दुआ से ।।
गुरु पूर्णिमा आज है,
करो सभी मिलकर गुरुओं की सेवा,
रखना सभी एक लौंग पर व्रत,
गुरुओं को भरपूर दक्षिणा में देना मेवा…।