“रियायत के रंग”
“रियायत के रंग”
रियायत के रंग हैं हजारों में,
ईमान भी बिकते हैं बाजारों में।
दस पाँच क्या जीरो फीसदी में,
बिकते लोग इशारों ही इशारों में।
“रियायत के रंग”
रियायत के रंग हैं हजारों में,
ईमान भी बिकते हैं बाजारों में।
दस पाँच क्या जीरो फीसदी में,
बिकते लोग इशारों ही इशारों में।