राष्ट्रवाद
इधर कुछ वर्षाें से फिर
राष्ट्रवाद की भावना यहाॅं
सब लोगों के दिलों में
धीरे-धीरे घर करने लगी है
देश हित की सारी बातें
सब लोगों की जुबान पर
अब धीरे धीरे ही सही
लेकिन चढ़ने लगी है
किसी रुप में क्यों नहीं हाे
अपने देश की सेवा करना
सब लाेगाें के लिये ही है ये
सबसे बड़ा पुनीत कर्म
राष्ट्रवाद से बढ़ कर शायद
इस दुनिया में कहीं भी
नहीं है अब तक कोई
और दूसरा भी धर्म
राष्ट्रवाद की भावना ही
अब हम सब के दिलों में
निश्चित रुप से ही एक
प्रेम की जोत जलाएगा
दुनिया के सब देशों को
अपने से पीछे छोड़ कर
अपना यह प्यारा देश
आगे निकल जाएगा