राम विवाह कि मेहंदी
चलो सखी मेहंदी लगावें
सिया राम संग लगन है।।
मेहदी रीति रिवाज प्रचलन है
मेहदी गावे मेहदी की रस्म निभावें
भाग्य का बुलावा आया हैं सिया राम का दर्शन है।।
चलो सखी मेहंदी लगावें
सिया राम संग लगन है।।
प्रेम की मेहदी रच जाए
ऐसी मेहदी आज लगावे
बजती ढोल मृदंग शहनाई बाजे
चलो मेहंदी गए
अवध जनक पूरी
में रंग उमंग रंग है।।
चलो सखी मेहंदी लगावें
सिया राम संग लगन है।।
विदेह लाड़िली दुल्हन
दूल्हा राम जनक पूरी
अवध मिलन है।।
चलो सखी मेहंदी लगावें
सिया राम संग लगन है।।
ब्रह्म विष्णु शिव शंकर
मेहदी देखन सब आये
जीवन आज धन्य है।।
चलो सखी मेहंदी लगावें
सिया राम संग लगन है।।
धारा धन्य अप्सरा नाचे
अवधपुरी अति पावन लगे
सगुन देव को दुर्लभ
बढ़ भागी हम सिया सखी
दुल्हन है।।
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश