Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 May 2023 · 1 min read

राम विवाह कि मेहंदी

चलो सखी मेहंदी लगावें
सिया राम संग लगन है।।

मेहदी रीति रिवाज प्रचलन है
मेहदी गावे मेहदी की रस्म निभावें
भाग्य का बुलावा आया हैं सिया राम का दर्शन है।।

चलो सखी मेहंदी लगावें
सिया राम संग लगन है।।

प्रेम की मेहदी रच जाए
ऐसी मेहदी आज लगावे
बजती ढोल मृदंग शहनाई बाजे
चलो मेहंदी गए
अवध जनक पूरी
में रंग उमंग रंग है।।

चलो सखी मेहंदी लगावें
सिया राम संग लगन है।।

विदेह लाड़िली दुल्हन
दूल्हा राम जनक पूरी
अवध मिलन है।।

चलो सखी मेहंदी लगावें
सिया राम संग लगन है।।

ब्रह्म विष्णु शिव शंकर
मेहदी देखन सब आये
जीवन आज धन्य है।।

चलो सखी मेहंदी लगावें
सिया राम संग लगन है।।

धारा धन्य अप्सरा नाचे
अवधपुरी अति पावन लगे
सगुन देव को दुर्लभ
बढ़ भागी हम सिया सखी
दुल्हन है।।

नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
634 Views
Books from नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
View all

You may also like these posts

ओशो रजनीश ~ रविकेश झा
ओशो रजनीश ~ रविकेश झा
Ravikesh Jha
कुछ ख्वाहिश रही नहीं दिल में ,,,,
कुछ ख्वाहिश रही नहीं दिल में ,,,,
Ashwini sharma
3869.💐 *पूर्णिका* 💐
3869.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
ब्यथा
ब्यथा
Jai Prakash Srivastav
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
इंतजार बाकी है
इंतजार बाकी है
शिवम राव मणि
वैसे तो चाय पीने का मुझे कोई शौक नहीं
वैसे तो चाय पीने का मुझे कोई शौक नहीं
Sonam Puneet Dubey
वो आया
वो आया
हिमांशु Kulshrestha
..
..
*प्रणय*
***
*** " अलविदा कह गया कोई........!!! " ***
VEDANTA PATEL
दिल
दिल
Sudhir srivastava
"बाजार में"
Dr. Kishan tandon kranti
अंधेरे से लड़ो मत,
अंधेरे से लड़ो मत,
नेताम आर सी
याद  आयेगा हमें .....
याद आयेगा हमें .....
sushil sarna
काश तेरी निगाह में
काश तेरी निगाह में
Lekh Raj Chauhan
इस सियासत की अगर मुझको अक्ल आ जाए
इस सियासत की अगर मुझको अक्ल आ जाए
Shweta Soni
यह पतन का दौर है । सामान्य सी बातें भी क्रांतिकारी लगती है ।
यह पतन का दौर है । सामान्य सी बातें भी क्रांतिकारी लगती है ।
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
स्त्री नख से शिख तक सुंदर होती है ,पुरुष नहीं .
स्त्री नख से शिख तक सुंदर होती है ,पुरुष नहीं .
पूर्वार्थ
खो गई हो
खो गई हो
Dheerja Sharma
*उठाओ प्लेट खुद खाओ , खिलाने कौन आएगा (हास्य मुक्तक)*
*उठाओ प्लेट खुद खाओ , खिलाने कौन आएगा (हास्य मुक्तक)*
Ravi Prakash
ये लम्हा लम्हा तेरा इंतज़ार सताता है ।
ये लम्हा लम्हा तेरा इंतज़ार सताता है ।
Phool gufran
प्यार का गीत
प्यार का गीत
Neelam Sharma
शिलामय हो जाना
शिलामय हो जाना
Saraswati Bajpai
ग़ज़ल _ दर्द बन कर तुम मेरी आँखों में आते क्यूँ नहीं।
ग़ज़ल _ दर्द बन कर तुम मेरी आँखों में आते क्यूँ नहीं।
Neelofar Khan
सत्य की राह
सत्य की राह
Seema gupta,Alwar
देखा है
देखा है
RAMESH Kumar
सब कुछ पास हमारे
सब कुछ पास हमारे
Manoj Shrivastava
तू डरकर इस समाज से
तू डरकर इस समाज से
gurudeenverma198
।।बचपन के दिन ।।
।।बचपन के दिन ।।
Shashi kala vyas
“मन में घर कर गया हो अगर,
“मन में घर कर गया हो अगर,
Neeraj kumar Soni
Loading...