राम लला
राम लला तो आ गए अब राम राज्य भी आने दो
कलयुग के इस कालचक्र में जीवों को भी जीने दो
सबके दिलों मे प्रेम त्याग हों ऐसा बीज भी बौने दो
लड़ने से तो कुछ नही होता फूल हंसी के खिलने दो
जीव जन्तु और वृक्षों को फलने दो और फूलने दो
पर्यावरण के असंतुलन को अब संतुलित होने दो
मानवता की पुण्य धरा पर अत्याचार नहीं होने दो
सबके बालक राम बने अच्छे संस्कारों को आने दो