राम राम
तूने राम का नाम बिसारा ,
दुनिया मे फिर मारा मारा ,
भजले राम राम रघुराई।
तुमपे हाथ रखें रघुराई।
बोलो राम राम राम। बोलो श्याम श्याम श्याम
राजा मोरध्वज भए ऐसे।
भक्ति भाव भए बस जैसे।
उनने मारा सुत पे आरा।
सुतको जीवन मिला दुवारा।
बोलो राम राम।बोलो श्याम श्याम श्याम ।
मीरा हुई कृष्ण दीवानी,
ऐसी हुई न कोई रानी
राणा दिया जहर का प्याला।
उसने हंसकर वह पी डाला।
बोलो राम राम।बोलो श्याम श्याम श्याम।
राजा हरिश्चंद्र से दानी,
जाके बिके काशीरजधानी,
उनका राज हुआ बेकारा।
दारा सुतको रहा बिसारा।
बोलो राम राम राम।बोलो श्याम श्याम श्याम।
जीता सत्य सदा उज्यारा।
निर्मल बहती’सरिता’धारा।
जीवन मरण बड़ा दुखदाई।
शरणागत वत्सल रघुराई।
बोलो राम राम राम। बोलो श्याम श्याम श्याम।
सुनीता गुप्ता सरिता कानपुर