राम जन्मभूमि का नया इतिहास
राम जन्मभूमि के नव इतिहास की आधार
तो उसी दिन बन गया था,
जब सुप्रीम कोर्ट से मंदिर के पक्ष में
सुप्रीम निर्णय हुआ था।
फिर तो सब कुछ अप्रत्याशित रूप से
रामकृपाल से स्वत: होता चला गया
गर्भगृह में शिलान्यास के बाद
तेजी से मगर सुव्यवस्थित ढंग से
मंदिर निर्माण का काम प्रारंभ हो गया।
और अंततः प्रथम तल का कार्य पूरा भी हो गया,
जन मानस और रामजन्म भूमि तीर्थ परिषद का
विश्वास भरा प्रयास आंखें भिगो गया।
फिर रामजी के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की
अकल्पनीय अविस्मरणीय योजनाएं बनने लगीं
भव्य से भव्यतम् तैयारियां होने लगीं,
बाइस जनवरी दो हजार चौबीस को
जब प्राण प्रतिष्ठा की तिथि निर्धारित हो गई
समूचे विश्व में हर्ष की लहर दौड़ गई।
तैयारियों को अविराम अंतिम रूप दिया जाने लगा,
देश विदेश से हर किसी का अपना अपना
छोटा बड़ा योगदान स्वेच्छा से आने लगा।
अयोध्या के विकास को नव आयाम मिलने लगा,
छोटी सी अयोध्या नगरी के नव्य भव्य
अयोध्या के अद्भुत रूप की चर्चा
सारी दुनिया में पहले स्थान पर होने लगा।
और जब राम मंदिर में रामजी के बाल विग्रह की
भव्यतम प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हुई,
तब समूची दुनिया में सर्वाधिक चर्चा
अयोध्या की नहीं अयोध्याधाम संग
नव्य, भव्य राममंदिर और राम जी होने लगी।
तब से राममंदिर का नित नया इतिहास लिखा जा रहा है,
देश ही नहीं दुनिया में रामजी की महत्ता का
प्रभाव हर किसी को साफ नजर आने लगा है।
अब तक जो राम और राम मंदिर का विरोध कर रहे थे
रामजी को काल्पनिक कहकर अपमानित कर रहे थे,
तरह तरह के कुतर्क पेश कर बहुत बुद्धिमान बन रहे थे,
आज वे सब उसका दंड भी उसी तरह भोगने लगे हैं
राम की शरण में आने के चोर रास्ते तलाशने लगे हैं,
कुछ की तलाश तो पूरी भी हो गई
तो कुछ अभागों के भाग्य की वो सुबह ही नहीं हुई।
यह भी अब इतिहास बन रहा है
क्योंकि सबके अपने तर्क कुतर्क बहाने हैं,
मन ही मन वे सब सच को जान मान भी रहे हैं
मगर राम जी से बेहतर आंकलन
वे भला कहाँ कर पा रहे हैं।
कौन आयेगा कौन नहीं इससे क्या फर्क पड़ता है?
फर्क तो इससे पड़ेगा कि
प्रभु श्रीराम जी किस किस को बुलाते हैं,
और आगे कौन सा नया इतिहास
रामजन्म भूमि के नाम दर्ज कराते हैं।
क्योंकि कुछ तो खुद इतिहास में
स्वत: दर्ज होने की ओर बढ़ रहे हैं,
तो कुछ राम जन्मभूमि के नव्य भव्य इतिहास में
सूक्ष्म योगदान देकर भी अपने भाग्य पर इतरा रहे हैं
जय श्री राम नाम का जाप करते हुए
जन्मभूमि का नया इतिहास बनते देख
खुशी से नाचते गाते झूम रहे हैं,
रामजन्म भूमि के नाम नित नव इतिहास के
रोज नए नए पन्ने जुड़ते जा रहे हैं।
सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश