Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jan 2024 · 1 min read

राम के नाम को यूं ही सुरमन करें

राम के नाम को यूं ही सुरमन करें
आओ आओ हम ये वंदन करें
तन में जब तक रहे सांसों की बत्तियां
मुख से निकले सदा राम की वंदना

जय जय हो श्री रघुनाथ की
जय जय हो श्री जानकी नाथ की
मन में मेरे रहे यही भावना
करते रहे हम चरण वंदना

शेष जो कुछ बची है जिन्दगी
उसमें मिले तुम्हारी ही बंदगी
दास मैं बनूं और सब से कहूं बस यही
जय राम की जय जय राम की
सुशील मिश्रा (क्षितिज राज)

1 Like · 227 Views
Books from सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
View all

You may also like these posts

*गधा (बाल कविता)*
*गधा (बाल कविता)*
Ravi Prakash
*संवेदना*
*संवेदना*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
बहुत बुरी होती है यह बेरोजगारी
बहुत बुरी होती है यह बेरोजगारी
gurudeenverma198
जय माँ शारदे
जय माँ शारदे
Arvind trivedi
समझौता
समझौता
Shyam Sundar Subramanian
नहीं कोई लगना दिल मुहब्बत की पुजारिन से,
नहीं कोई लगना दिल मुहब्बत की पुजारिन से,
शायर देव मेहरानियां
मोहबत और चाय
मोहबत और चाय
पूर्वार्थ
कितना कुछ बाकी था
कितना कुछ बाकी था
Chitra Bisht
जनता  जाने  झूठ  है, नेता  की  हर बात ।
जनता जाने झूठ है, नेता की हर बात ।
sushil sarna
अंधभक्तो को जितना पेलना है पेल लो,
अंधभक्तो को जितना पेलना है पेल लो,
शेखर सिंह
कहाँ रूठ कर?
कहाँ रूठ कर?
Rambali Mishra
ईश्वर का उपहार है बेटी, धरती पर भगवान है।
ईश्वर का उपहार है बेटी, धरती पर भगवान है।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
एक ही राम
एक ही राम
Satish Srijan
यूं सांसों का वजूद भी तब तक होता है,
यूं सांसों का वजूद भी तब तक होता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मेरी ख़्वाहिशों में बहुत दम है
मेरी ख़्वाहिशों में बहुत दम है
Mamta Singh Devaa
सादगी
सादगी
Manisha Bhardwaj
3239.*पूर्णिका*
3239.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"हालात"
Dr. Kishan tandon kranti
सब खो गए इधर-उधर अपनी तलाश में
सब खो गए इधर-उधर अपनी तलाश में
Shweta Soni
रतन टाटा जी..!!
रतन टाटा जी..!!
पंकज परिंदा
नदी किनारे
नदी किनारे
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
*A date with my crush*
*A date with my crush*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
क्या पता.... ?
क्या पता.... ?
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
हमनें ख़ामोश
हमनें ख़ामोश
Dr fauzia Naseem shad
अंजान बनकर चल दिए
अंजान बनकर चल दिए
VINOD CHAUHAN
बाबा! बळ बुधि देवजौ, पट हिरदै रा खोल।
बाबा! बळ बुधि देवजौ, पट हिरदै रा खोल।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
हर वर्ष जलाते हो हर वर्ष वो बचता है।
हर वर्ष जलाते हो हर वर्ष वो बचता है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
मेरी सिया प्यारी को देखा अगर
मेरी सिया प्यारी को देखा अगर
Baldev Chauhan
गीत
गीत
जगदीश शर्मा सहज
कविता
कविता
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
Loading...