राम काव्य मन्दिर बना,
राम काव्य मन्दिर बना,
धन्य धन्य कवि लोक
फैला तन-मन में यहाँ,
भक्तिपूर्ण आलोक
– महावीर उत्तरांचली
राम काव्य मन्दिर बना,
धन्य धन्य कवि लोक
फैला तन-मन में यहाँ,
भक्तिपूर्ण आलोक
– महावीर उत्तरांचली