रामराज
रामराज की बातें याद करके, भाव विभोर हो जाते हैं हम,
और कलयुग के राम में रावण का रूप पाते हैं हम ।
कल इंसान दूसरों के लिए,
खुद को कुर्बान करता था
आज खुद के लिए, दूसरों को कुर्बान करता है।
सच तो यह है कि,
आज का हर कामयाब इंसान, दूसरों की कब्र पर अपनी दुनिया आबाद करता है ।
कल तक देवी का रूप समझने वाली लड़कियों की जिंदगी भी बदल गई है ,
मां बाप के सिर का बोझ बनकर आज वो रह गई है।
बोझ बनने का कारण तो पूछिए जनाब,
इन दहेज के लोभियों ने इंसानियत का नाम मिटा दिया है,
लड़कियों की जिंदगी को जंजाल बना दिया है।
इन पुरुषों ने समझा है लड़की को हमेशा पैर की जूती ,
आज जब निकल रही है लड़कियां आगे इनसे तो जलन इन को क्यों ना होगी।
आज इंसान की हैवानियत को देखा है, इसने तो इंसान की जान को भी पैसों में तोला है।
इस 21वीं सदी में इंसान ने इंसानों के हर रिश्ते को बदनाम किया है,
हैवानियत का मंजर दिखाकर कुदरत के नियम का भी बहिष्कार किया है।